Sunday, 14 July 2013

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद :एक विवेचन


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद कक्ष
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र के छः प्रमुख अंगों में से एक अंग है, जिसकी उत्तरदायित्व है अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना । परिषद को अनिवार्य निर्णयों को घोषित करने का अधिकार भी है । ऐसे किसी निर्णय को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव कहा जाता है ।
सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य है - पांच स्थाई और दस अल्पकालिक । पांच स्थाई सदस्य हैं चीनफ़्रांसरूससंयुक्त राजशाही, और संयुक्त राज्य । इन पांच देशों को कार्यविधि मामलों में तो नहीं पर विधिवत मामलों में प्रतिनिषेध शक्ति है । बाकी के दस सदस्य क्षेत्रीय आधार के अनुसार दो साल के अवधियों के लिए समान्य सभा द्वारा चुने जाते है । सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष हर महीने वर्णमालानुसार बदलता है .
सदस्य.......
हर वक्त सुरक्षा परिषद के किसी सदस्य को संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में होना आवश्यक है ।
अंतर्राष्ट्रीय कानून द्वारा केवल सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य की नाभिकीय योग्यताएं अनुमोदित हैं । इन सदस्यों को प्रतिनिषेध शक्ति भी दी गई है : इसका मतलब है कि सुरक्षा परिषद के बहुमत द्वारा स्वीकृत कोई भी प्रस्ताव इन पांच में से किसी भी एक के असम्मति से उस प्रस्ताव का पारण रोका जा सक्ता है ।
सुरक्षा परिषद के बाकी के दस सदस्य दो साल की अवधियों के लिए चुने जाते है । हर साल इन दस में से पांच चुने जाते है । यह चुनाव क्षेत्रीय आधार पर होते है ।अफ्ररीकी गट तीन सदस्य चुनता है । जंबूद्वीपीय गट, पश्चिम यूरोपीय गट, और लैटिन अमरिक व कैरिबियन गट सब दो सदस्य चुनते हैं । पूर्वी यूरोपीय एक सदस्य चुनता है । इनमें से किसी एक सदस्य का अरब होना भी अवश्यक है ।
सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्यों की संख्या को बढाने के बारें में काफ़ी विवाद है । विशिष्ट है चार राष्ट्र (ब्राज़ीलभारतजर्मनी और जापान) जिनको G4 कहलाया जाता है । जापान और जर्मनी संयुक्त राष्ट्र की काफ़ी आर्थिक सहायता करते हैं, और ब्राज़ील तथा भारत जनसंख्या में बड़े होने के कारण संयुक्त राष्ट्र के विश्वशांति के लक्ष्य के लिए सैन्य-दल के सबसे बड़े योगदान करनेवालों में से हैं । 21 सितंबर 2004 को, G4 राष्ट्रों ने स्थाई सदस्य बनने के बारें में आपसी समर्थन घोषित की ,अभी हाल में अफ़्रीकी देशो ने भी समर्थन घोषणा की है । संयुक्त राजशाही और फ़्रांस ने भी इस घोषणा को स्वीकार किया है । प्रस्ताव  के लिए 128 मतों की जरूरत है ।

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