Sunday, 14 July 2013

साफ्टा:एक नजर में

दक्षिण एशियाई वरीयता व्यापार समझौता (साप्टा) को 1995 में लागू किया गया। इस समझौते का लक्ष्य दक्षिण एशिया में व्यापार संबंधी बाधाओं को दूर करना है और सार्क देशों के बीच अधिक उदार व्यापार व्यवस्था कायम किए जाने का प्रावधान है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र संधि साफ्टा को 2004 में लागू किया गया।  इसके लिए दक्षिण एशिया क्षेत्र के देशों ने अपनी व्यापारी सीमाओं को खोलकर इतिहास रचा।
दक्षिण एशिया स्वतंत्र व्यापार समझौते (साफ्टा) का उद्देश्य भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान एवं मालदीव के बीच वस्तुओं की मुफ्त आवाजाही में आने वाली बाधाओं को दूर करना और दक्षिण एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था को एकीकृत करना है। इस समझौते को लागू करने की समय सीमा 1 जुलाई 2006 तय की गई। वर्ष 2004 तक सार्क सदस्य देशों के बीच व्यापार 5.2 अरब डॉलर के बराबर था। साफ्टा के तहत भारत, पाकिस्तान, और श्रीलंका वर्ष 2012 तक अपने यहां आयात शुल्क शून्य से 5 प्रतिशत तक रखेंगे तथा अन्य चार सदस्य देशों के लिए यह आयात शुल्क सीमा 2016 तक तय की गई है। इस समझौते के तहत सार्क का प्रत्येक सदस्य देश अपने यहां संवेदनशील उत्पादों की एक सूची बनाएगा, जिन पर कोई शुल्क कटौती नहीं की जाएगी, भारत ने ऐसी 884 वस्तुओं की संवेदनशीलन सूची बनाई है, जिन पर व्यापार कर कम नहीं किया जाएगा, दक्षेस देशों को परस्पर प्रशुल्क छूटों की शुरुआत 226 वस्तुओं पर 10 से 100 प्रतिशत के प्रशुल्क छूट के साथ हुई।

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