Thursday, 13 June 2013

भारत का भूगोल – भारत के मैदान (भाग – 2)


Coastal Plains of India - Hindi
1) भारत के तटीय मैदान मुख्यत: किन दो क्षेत्रों में अवस्थित हैं? –A) बंगाल की खाड़ी की तरफ और B) अरब सागर की तरफ
2) भारत के पूर्वी तटीय मैदान, जो बंगाल की खाड़ी के समीप स्थित हैं, की सही अवस्थिति क्या है? – यह मैदान एक विस्तृत पट्टी के तौर पर बंगाल की खाड़ी और पूर्वी घाट (Eastern Ghats) के बीच में अवस्थित हैं (पूर्वी घाट भारत के पूर्वी समुद्री तट से हटकर स्थित एक लम्बी परंतु बीच-बीच में कटी हुई पर्वत श्रॄंखला है)
3) भारत के पूर्वी तटीय मैदान के उस भाग को लोकप्रिय भाषा में किस नाम से पुकारा जाता है जो दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के तट पर अवस्थित है? – कोरोमण्डल तट (Coromandel Coast) या कोरोमण्डल मैदान (Plains of Coromandel) (इसका विस्तार दक्षिण तमिलनाडु से दक्षिण-पूर्व आन्ध्र प्रदेश के तट तक है)
4) कोरोमण्डल नाम की उत्पत्ति किस शब्द से होने के प्रमाण मिले हैं? – चोलमण्डल (जिसका अर्थ था चोलों के अधीन आने वाला क्षेत्र। कालांतर में यूरोपियन यात्रियों ने चोलमण्डल को कोरमण्डल नाम से सम्बोधित करना शुरू किया)
5) भारत के पूर्वी तट पर अवस्थित तटीय मैदानों की कुल लम्बाई कहाँ से कहाँ तक है? – यह मैदान उत्तर-पश्चिम ओडीशा (उड़ीसा) से दक्षिण तमिलनाडु तक फैले हैं
6) भारत के पश्चिमी तटीय मैदानों की सही अवस्थिति क्या है?- यह मैदान अरब सागर और पश्चिमी घाट श्रॄंखला (Western Ghat ranges) के बीच एक लम्बी परन्तु संकरी पट्टी के रूप में अवस्थित हैं
7) भारत के पश्चिमी तटीय मैदानों के अंतर्गत आने वाले दक्षिण-पश्चिमी तटों या तटीय मैदानों को किस लोकप्रिय नाम से जाना जाता है? – मलाबार तट – Malabar Coast or Plains (इनका विस्तार केरल तट से लेकर दक्षिण-पश्चिमी कर्नाटक तक है)
8) भारत के पश्चिमी तटीय मैदानों के अंतर्गत आने वाले महाराष्ट्र व गोवा के तटीय मैदानों को किस लोकप्रिय नाम से जाना जाता है? –कोंकण तट या कोंकण तटीय मैदान (Konkan Coast or Plains of Konakan)
9) भारत के दोनों तटीय मैदान – पूर्वी और पश्चिमी तटीय मैदानों में से अधिक उर्वरक मैदान कौन से हैं? – पूर्वी तटीय मैदान
10) भारत के दोनों तटीय मैदान – पूर्वी और पश्चिमी तटीय मैदानों में पूर्वी तटीय मैदान के अधिक उर्वरक होने का मुख्य कारण क्या है? –पूर्वी तटों से होकर बंगाल की खाड़ी में मिलने वाली नदियों का विस्तार और प्रवाह क्षेत्र पश्चिम की नदियों से कहीं अधिक है (पूर्वी तट से होकर समुद्र में मिलने वाली चार सर्वप्रमुख नदियों में गोदावरी, कृष्णा, महानदी और कावेरी शामिल हैं, जो अपने साथ भारी मात्रा में गाद लाती है और इस गाद से तटीय क्षेत्र के मैदानों का निर्माण करती हैं। यह गाद इन मैदानों की उर्वरता को बढ़ाती है)

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