Tuesday 16 July 2013

नाटो:एक विश्लेषण



नार्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो), " द (नॉर्थ)अटलांटिक एलायंस" भी कहा जाता है, एक सैन्य गठबंधन् है,जिसकी स्थापना  4 अप्रैल, 1949 को उत्तर अटलांटिक संधि पर हस्ताक्षर के साथ हुई। नाटो का मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है। संगठन ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत सदस्य राज्य बाहरी हमले की स्थिति में सहयोग करने के लिए सहमत होंगे।
गठन के शुरुआत के कुछ वर्षों में यह संगठन एक राजनीतिक संगठन से अधिक नहीं था। लेकिन कोरियाई युद्ध ने सदस्य देशों को प्रेरक का काम किया और दो अमरीकी सर्वोच्च कमांडर के दिशानिर्देशन में एक एकीकृत सैन्य संरचना निर्मित की गई। लॉर्ड इश्मे पहले नाटो महासचिव बने, जिनकी संगठन के उद्देश्य पर की गई टिप्पणी, "रुसियों को बाहर रखने, अमरीकियों को अंदर और जर्मनों को नीचे रखने" (के लिए गई है।) खासी चर्चित रही। यूरोपीय और अमरीका के बीच रिश्तों की तरह ही संगठन इसकी ताकत घटती-बढ़ती रही। इन्हीं परिस्थितियों में फ्रांस ने स्वतंत्र परमाणु निवारक बनाते हुए नाटो की सैनिक संरचना से 1966 से अलग हो गया।
1989 में बर्लिन की दीवार के गिरने के बाद संगठन का पूर्व की तरफ बाल्कन हिस्सों में विस्तार हुआ और वारसा संधि से जुड़े हुए अनेक देश 1999 और 2004 में इस गठबंधन में शामिल हुए। 1 अप्रैल 2001 को अल्बानिया और क्रोएशिया के प्रवेश के साथ गठबंधन की सदस्य संख्या बढ़कर 27 हो गई। संयुक्त राज्य अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमलों के बाद नाटो नई चुनौतियों का सामना करने के लिए नए सिरे से कर रहा है, जिसके तहत अफ़ग़ानिस्तान में सैनिकों की और इराक में प्रशिक्षकों की तैनाती की गई है।
बर्लिन प्लस समझौता नाटो और यूरोपीय संघ के बीच 16 दिसंबर 2002 को बनाया का एक व्यापक पैकेज है, जिसमें यूरोपीय संघ को किसी अंतरराष्ट्रीय विवाद की स्थिति में कार्रवाई के लिए नाटो परिसंपत्तियों का उपयोग करने की छूट दी गई है, बशर्ते नाटो इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता हो। नाटो के सभी सदस्यों की संयुक्त सैन्य खर्च दुनिया के रक्षा व्यय का 70% से अधिक है, जिसका से संयुक्त राज्य अमेरिका अकेले दुनिया का कुल सैन्य खर्च का आधा हिस्सा खर्च करता है औरब्रिटेनफ्रांसजर्मनी और इटली 15% खर्च करते हैं।
18 मार्च 1948को बेल्जियमनीदरलैण्डलग्ज़म्बर्गफ्रांस और यूनाइटेड किंगडम द्वारा की गई ब्रुसेल्स की संधि को नाटो समझौते की पहली कड़ी माना जाता है। इस संधि और सोवियत बर्लिन अवरोध ने सितंबर 1948 में पश्चिमी यूरोपीय संघ सुरक्षा संगठन के गठन का मार्ग प्रशस्त किया, लेकिन सोवियत संघ की सैनिक शक्ति का मुकाबला करने को संयुक्त राज्य अमेरिका की भागीदारी आवश्यक मानी गई और इसके तत्काल बाद ही नए सैन्य गठबंधन की चर्चा शुरू हो गई।
चर्चा का परिणति नॉर्थ एटलांटिक ट्रीटी के रूप में सामने आई, जिस पर 4 अप्रैल 1949 को वाशिंगटन डी.सी. में हस्ताक्षर किए गए। इसमें ब्रुसेल्स संधि में शामिल पांच राज्यों, बेल्जियमनीदरलैण्डलग्ज़म्बर्गफ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के साथ संयुक्त राज्य अमेरिकाकनाडापुर्तगालइटलीनार्वेडेनमार्क और आइसलैंड शामिल थे। 

नाटो के सदस्य देशों का 25वां शिखर सम्मेलन 20 मई को अमेरिका के शिकागो में  हुआ। दो दिवसीय सम्मेलन में मुख्य रूप से अफगानिस्तान, नाटो के क्षमता निर्माण और साझेदारी संबंध आदि विषयों पर विचार विमर्श किया गया ।
यह नवंबर 2010 में लिस्बन शिखर सम्मेलन में नाटो के 28 सदस्य देशों के नेताओं द्वारा नयी रणनीतिक विचारधारा पारित किए जाने के बाद पहला सम्मेलन है और पिछले 13 वर्ष में पहली बार सम्मेलन अमेरिका में आयोजित हो हुआ है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उद्घाटन समारोह में भाषण देते हुए कहा कि नाटो के सदस्य देश नए क्षमता निर्माण में सक्षम हैं और 21वीं सदीं की सुरक्षा की नयी चुनौतियों का सामना करने के लिए विभिन्न पक्षों के संसाधनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ शिकागो शिखर सम्मेलन अफगानिस्तान की अंतरिम योजना का ठोस प्रबंध करके नाटो के विश्व साझेदारी संबंध नेटवर्क को मजबूत करेगा।
नाटो के महासचिव फोग़ रासमुसेन ने कहा कि शिकागो शिखर सम्मेलन में सिलसिलेवार अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परियोजनाएं पारित की जाएंगी।
नाटो के सदस्य देशों समेत 60 देशों व संगठनों के प्रतिनिधियों ने शिकागो शिखर सम्मेलन में भाग लिया। मिसाइल भेदी व्यवस्था पर अमेरिका व नाटो के बीच गंभीर मतभेद होने के चलते रूसी नेता इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया...........

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