Saturday 29 June 2013

हरियाणा : जारी है दलितों पर दबंगों की दबंगई…


1966 में हरियाणा बनने से पहले पंजाब में दलितों पर अत्यचार कभी-कभार अपवाद के रूप में ही घटित होती थी, क्योंकि उस  समय  हरियाणा में जातिवाद न के बराबर था या यह कहे कि आज का दबंग उस समय खुद को असहाय  अल्पसंख्यक ही मुहसुस  करता था.
उस  समय जाट समुदाय आम तौर पर दलितों को अपना सहयोगी भाई के तौर पर लेता था  और गांव में हर नौजवान एक दूसरे को भाई और अपने से बड़ों को चाचा ताउ कहकर ही संबोधित करते थे.
status of dalits in haryanaदूसरे गांव में मेहमान के तौर पर कोई भी आदमी जाता था तो वहां पर ब्याही  हुई अपने  गांव  की लडकी को बहन-बेटी के रूप में एक रूपया देकर आया करते थें (उस समय एक रूपये की वैल्यू हुआ करती थी) वो दिन आज भी पूराने भाईचारे के इतिहास के रूप याद किये जाते हैं.
लेकिन हरियाणा बनने पर आहिस्ता-आहिस्ता भाईचारे की ये बातें इतिहास बनने लगी और हरियाणा का दबंग समुदाय दलितों के सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक उभार को एक चुनौति के तौर पर लेने लगा. और इसी बात पर दलितो और दबंगों के बीच की खाई गहरी होती चली गई.
अब देर-सवेर दंबग समुदाय दलितों को आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक हानि पहुंचाने की कोशिश में रहने लगा. इसकी कई सारी मिसालें हर बार यहां देखने को मिलते हैं.
जिला भिवानी के लोहारी गांव में बारात चढ़ने से पहले घुड़चड़ी पर हमला कर दिया और दलितों की दुल्हे समेत खुब पिटाई की. जिला इज्जर में 15 अक्टूबर, 2002 को शहर से केवल 5 किलोमीटर की दूरी पर दुलिना गांव में वह भी पुलिस चौकी में 5 दलितों की दशहरे के दिन भीड़ ने केवल इसलिए हत्या कर दी क्योंकि वह पास की किसी खाई में मृत पशु की खाल निकाल रहे थे.
जिला कैथल में शहर से 10-12 किलोमीटर दूरी पर गांव हरसोला में दंबगों ने दलितों पर इसलिए सामुहिक हमला कर दिया क्योंकि वह गुरू रविदास जंयती पर माईक लगाकर किर्तन कर रहे थे. सभी दलित गांव छोड़कर शहर में आ गये और दसियों साल गुज़रने के बाद भी उनकी गांव में वापसी नहीं हो सकी है.
इस तरह हरियाणा में लगभग हर जिले में दबंगो द्वारा इस तरह की घटनायें दोहराई जाती रही हैं और दलितों को प्रताड़ित किया जाता रहा है.
ऐसी बात नहीं हैं कि इस प्रकार की घटनायें सिर्फ देहात में ही घटित हुई हो. बाद में यह सिलसिला तो शहरों में भी चल पडा. जिला सोनीपत के तहसील और उपमण्डल नगर गोहाना में  31अगस्त, 2005 को वाल्मिकी समुदाय के पूरे के पूरे 150 घरों के मोहल्ले को दंबग समुदाय के लोगों की भीड़ ने जलाकर राख कर दिया.
सबसे आश्चर्य का विषय इस घटना में यह रहा कि वाल्मिकी समुदाय 15 दिन पहले ही अपने घरों को ताले लगाकर चले गये थे और दंबग समुदाय की भीड़ में वहां के सांसद, पुलिस इन्सपेक्टर जनरल तथा अन्य जिम्मेदार अधिकारी भी शामिल थे, जिन्होने खड़े होकर दंबगों से यह काम करवाया.
ऐसी घटनाओं के बाद जब मीडिया हरकत में आता हैं तो फिर दबंग समुदाय खाप और एरिया के नाम पर या सर्वखाप के नाम पर पुलिस केसों से बचने के लिए इकठ्ठा होकर माईक पर सरकार और पीडित समुदाय को सरेआम धमकियां देना शुरू करता हैं और मीडिया को झूठा और दुर्भावना ग्रस्त घोषित करता है. सरकार तथा पुलिस को भी कार्यवाही करने के विरूद्ध धमकाता हैं.
जब कभी-कभी सरकार मजबूरी में दिखावे के तौर पर केस दर्ज करके दोषियों को गिरफ्तार करती है तो फिर वही सर्वखाप दलितों को भाईचारे की दुहाई देकर केस खत्म करने की सहला देते हैं. और अगर ना माने तो गवाहों और सबुतों को खत्म करने का जी-तोड़ प्रयास करती हैं. और आम तौर पर यह इसमें कामयाब भी होते हैं.
आश्चर्य की बात तो ये हैं कि सरकार उन दलितों को पुर्नवास और  क्षतिपूर्ति के नाम पर धन और साधन उपलब्ध कराती हैं. दूसरी तरफ दबंग अपराधियों को बचाने की सरेआम मुहिम भी चलाती है. गांव मिर्चपुर कांड में बिल्कुल  यही कारनामा अमल में लाई गई और उनसे दबंगों को भरपूर फायदा मिला.
मिर्चपुर गांव पूरी तरह से दबंग जाति का वर्चस्व रखता है. इस गांव के दबंगों ने बाकायदा साजिश के तहत 700-800 की संख्या में वाल्मिकी जाति पर पुलिस और प्रशासन की हाजिरी में हमला कर दिया और दो दर्जन से ज्यादा घरों को आग लगा दी. एक पिता और उसकी नाबालिग बेटी को जिंदा जला कर मार डाला. सारे मोहल्ले में पूरी लूटपाट की और फिर सबकुछ शांत…
उसके बाद वाल्मिकीयों के 250 परिवार गांव छोड कर बाहर चले गये. इस कांड को मीडिया ने खूब उछाला और राज्य सरकार को खूब लानत दी गई. अंत में मजबूरी में पुलिस केस दर्ज किया गया और 130 दंबगो को गिरफ्तार किया गया.
। 27 पहुंच वाले दबंगों को पुलिस की सिफारिश पर अदालत द्वारा बरी भी कर दिया गया. पहले यह उपमण्डल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट से हिसार Additional Session Judge/ Special Judge  श्री बलजीत सिंह की कोर्ट में केस चला, लेकिन पहली दूसरी तारिख पर हजारों की तादाद में दबंगों ने पुलिस, सरकारी वकीलों और खुद अदालत को आतंकित करके ठीक तरह से गवाहियां नहीं होने दी. जिससे सर्वोच्च न्यायालय के विशेष आदेश से यह केस श्रीमति कामिनी लॉ स्पेशल जज, रोहिणी को सौंप दिया गया. जहां से 3 दोषियों को उम्र कैद, 5 को 5-5 साल की सजा, 7 लोगों को 2-2 की सजा सुनाई गई. बाकि 82 दोषीगण को बरी कर दिया गया.
अब इस फैसले के खिलाफ दोषीगण, मुस्तगीस तथा हरियाणा राज्य द्वारा तीन अलग-अलग अपीलें दिल्ली उच्च न्यायालय के यहां विचाराधीन हैं. यहां यह उल्लेखनीय है कि इस केस के वकील श्री रजत कलसन व उनके परिवार को सरकार, पुलिस तथा दबंगों द्वारा धमकीयां, झूठे केस, तथा जान से मारने की बहुत कोशिशें भी की गई. इसमें देखने वाली बात यह है कि वकील जैसे पढे-लिखे लोगों को हरियाणा में बख्शा नहीं जाता.
दिनांक 25 जून, 2013 को हिसार के स्थानीय अखबार के मुताबिक 125 वाल्मिकी परिवार जो कि हिसार के वेदपाल तंवर के फार्म हाउस के खुले मैदान में टेन्टों में शरण लेकर अपनी ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं. क्योंकि सरकार ने आज तक उनके रहने का किसी तरह का कोई प्रंबध नहीं किया है. अब इनके बालिग हो चुके बच्चों के कोई रिश्तें स्वीकार नहीं करता क्योंकि इनके पास खुद का कोई घर-बार नहीं है.
मई 2010 को हिसार के गांव अलीपुर (खरड) में सदियो से बसे हुए बावरिया समाज पर दबंगों ने मार-पीट व लूटपाट की और उन्हें वहां से भगा दिया. आज तक दबंग दोषियों के खिलाफ़ कोई पुलिस कार्यवाही नहीं की गई, और न ही दलितों के पुर्नवास का कोई प्रबंध किया गया है.
इतना सब होने के बाद भी अपराधों का यह सिलसिला अभी थमा नहीं है. बल्कि सच पूछिए तो बहुत तीव्र गति से चल रहा है.
फरवरी 2011 जिला हिसार के गांव दौलतपुर में खेत में काम कर रहे दलित युवक राजू ने एक वृक्ष के नीचे रखे घड़े से पानी पी लिया. इस पर वहां के दबंगों ने उस का हाथ काट दिया. अब यह केस स्पेशल जज अजय कुमार जैन की अदालत में विचाराधीन है.
मई 2011 को जिला हिसार के गावं भगाना में दबंगों ने दलितों के मोहल्ले के आगे दीवार खींच दी और उनके हिस्से की ग्राम शामलात भूमि पर कब्जे कर लिये. साथ ही वहां के दलितों को गांव से निकाल दिया गया. पीड़ित लोग आज तक हिसार के जिला सचिवालय के सामने धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई.
दिस्मबर 2011 गांव देवसर जिला भिवानी में एक दलित दुल्हे की धुड़चडी ठाकुर जाति के सैंकड़ों दबंगों द्वारा रोक दी गई. धुडचडी में शामिल प्रत्येक व्यक्ति यहां तक की महिलाओं व बच्चों से भी मार-पीट किया गया और उन्हें नीच जाति के नाम पर अपमानित किया गया. इस घटना की सूचना पर भी पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई.
बड़े अधिकारियों और राजनितिज्ञों के पास जाकर गुहार लगाने पर भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई. इसका नतीजा यह निकला कि दबंगों के हिम्मत और बढ़ गई और अप्रैल 2013 में उसी पीड़ित दुल्हे को एक पेड़ से बांध कर जीप से टक्कर मार मारकर हत्या कर दी गई.
अब यह केस विशेष जज भिवानी की अदालत में विचाराधीन है. और इस केस में केवल पांच दोषीगण हैं, जबकि हत्या में पचासियों ठाकुर जाति के दबंग शामिल थे.
सितम्बर 2012 में हिसार शहर के नजदीक डाबड़ा गांव में एक दलित लड़की के साथ दंबगों द्वारा सामुहिक बलत्कार किया गया. हिसार के विशेष जज श्रीमति मधु चन्ना की अदालत से चार दोषीगण को बरी कर दिया गया और चार को उम्र कैद की सजा सुनाई गई. जबकि पुलिस ने चार दोषीगण को चालान पर बहस के दौरान ही डिस्चार्ज करवा लिया.
अब इस केस की क्रॉस अपीलें चण्डीगढ़ हाई कोर्ट में विचाराधीन है. इसमें उल्लेखनीय यह है कि पीड़िता के पिता ने इस सामुहिक ब्लात्कार की वजह से आत्म हत्या कर ली थी.
अक्टूबर 2012 को सच्चा खेडा गांव में 5 दंबगों ने एक दलित लड़की से सामुहिक ब्लात्कार किया. इस केस में 3 दोषीगण को बरी कर दिया गया और दो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. इस फैसले से निराशा होकर पीड़ित लड़की ने आत्म हत्या कर ली. उपरोक्त दोनों केसों में क्रास अपीले पेंडिंग हैं.
3 नवम्बर 2012 को हिसार के पास डाया (मंगाली) गांव में एक नाबालिग दलित लड़की से चार लोगों ने सामुहिक बलात्कार किया और पुलिस ने इस केस में बलात्कार की दफा 376 ही निकाल दी. अब इसके खिलाफ याचिका सर्वोच्च न्यायालय में पेंडिंग है.
जनवरी 2013 में पलवल शहर में दबंगों की भीड़ ने दलितों पर हमला कर दिया, परन्तु आज तक पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है.
फरवरी 2013 को जिला भिवानी के गांव रतेरा में दबंग ठाकुरों ने एक और दलित युवक की घुडचडी नहीं निकलने दी. इस पर 25 दबंगों के खिलाफ विशेष जज भिवानी की कोर्ट में अब यह केस विचाराधीन है.
फरवरी 2013 में ही जिला हिसार के सरसाना गांव में 13 साल की दलित मासुम बच्ची के साथ दबंगों द्वारा सामुहिक ब्लात्कार किया गया. इसमें चार दोषीगण में से एक को ही गिरफ्तार किया जा सका है. यह केस अब हिसार की अडिश्नल जज की अदालत मे विचाराधीन है.
मार्च 2013 को जिला रोहतक के गांव मदीना में दबंगों ने दलितों के मोहल्ले पर अचानक फायरिगं कर दी, जिसमें दो दलित मारे गये. इस केस में 18 में से केवल चार मुलजिम पकडे गये है. बाकी 14 को चार्जशीट में ही शामिल नहीं किया गया. यह पेटिशन भी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.
28-29 मार्च 2013 को हिसार जिले के गांव ढोबी में दंबगो ने एक दलित नौजवान की हत्या करके गांव के वाटर वक्र्स के पास डाल दिया. तमाम सबूतों के होने के बावजूद आज तक किसी भी दोषी को गिरफतार नहीं किया गया.
अप्रैल 2013 भिवानी जिले के रिवासा गांव में एक दलित महिला अपनी छोटी बच्ची को दुध पिला रही थी कि अचानक दबंगों ने उस पर हमला बोल दिया दुधमुंही बच्ची को ज़मीन पर फेंक कर मारा तथा दलित महिला से सामुहिक ब्लात्कार किया. इस केस में भी तमाम सबूतों के मौजुद होने के बावजुद किसी भी दोषी को सजा नहीं हुई.
हरियाणा  आर्थिक और राजनितिक रूप में देश का अग्रणी राज्य है, परन्तु दलितों के लिए यह नरक बना हुआ हैं. दलितों के खिलाफ गांव बंदी की घोषणाऐ बिल्कुल आम है. गांव शामूलात की ज़मीनों पर दलितों को पैर भी नहीं रखने दिया जाता. खापो और सर्वेखापो, पंचायतों द्वारा रोजाना फतवे जारी किये जाते है. जहां तक उपरोक्त केसों का सवाल है तो यह हिम्मत वाले लोगों के कारण ही प्रकाश में आये हैं. वरना प्रत्येक वर्ष इनकी संख्या तो सैंकडों हजारो में है.
वैसे तो अपराध प्रकिया कोर्ट के मुताबिक ऐसे दबंगों को कोर्ट की सजाओं के अलावा गांव और क्षेत्र के सारे इलाके को अपराध ग्रस्त घोषित करके उन सबकी हर तरह की चल अचल सम्पति को कुर्क करके सरकार को अपने कब्जे में लेकर पीड़ित समुदाय के लोगो में बांट देना चाहिए. ताकि ऐसे दबंग समुदाय के लोग भविष्य में कम से कम उस इलाके के ऐसी घटना की पुनरावृति ना कर सके. इस कार्यवाही के लिए सरकार को सभी तरह की संभावनाओं का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए.
राष्ट्रीय अनूसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष ने  हरियाणा को दलित बलात्कार प्रदेश बताने में भी हिचकिचाहट नहीं की. यहां विशेष उल्लेखनीय बात यह हैं कि जिला हिसार के दलितों की संस्थायें जैसे गुरू रविदास महासभा, दलित विधी चेतना मंच, संत कबीर महासभा, वाल्मिकी महासभाओं ने पुलिस की नाकामियों के खिलाफ प्रर्दशन और धरनों से दुनिया के लोगों का ध्यान आर्कषित किया है. लेकिन सच पूछे तो इनका कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है. सच पूछे चो इस समस्या की जड़ में तो हिन्दु धर्म और समाज की रचना ही दोषी है. जब तक यह जड़ फलता-फूलता रहेगा, दलितों पर अत्याचार होता रहेगा.

धन्यवाद करने की आदत है कामयाबी की गारन्टी


“थैंक यू सर, यदि आपने समय पर मेरी मदद न की होती तो शायद मैं आज यहाँ नहीं होता, बल्कि कहीं गुमनामी के अँधेरे में पड़ा अपने भाग्य को कोस रहा होता ” ऐसे संवाद आपने  ज़रुर सुने और किये होंगें. लेकिन यह महज़ एक संवाद नहीं बल्कि अपने ऊपर हुई कृपा की ईश्वर को आभारोक्ति है और क्योंकि पृथ्वी पर कृपा का माध्यम मनुष्य है इसलिए यह प्रतिदान उस मनुष्य को है जिसने  ईश्वर का उपहार आप तक पहुँचाया है.
धन्यवाद या थैंक यू  केवल दो शब्द नहीं है बल्कि यह जिन्दगी में सौभाग्य और कामयाबी की गारन्टी है. आमतौर पर शिष्टाचार वस् प्रयोग किये जाने वाले यह शब्द आपके लिए केवल सफलता का द्वार  ही नहीं खोलते है. अपितु यह आपके लिए वह चमत्कार कर सकते है जो शायद अन्यथा संभव नहीं है. बस ज़रुरत केवल इस बात की है कि  इसका जादुई इस्तेमाल कब कहाँ और कैसे करना है यह सीख कर सही समय पर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाये.
thanks
आमतौर पर हम किसी एहसान या कृपा के लिये तो धन्यवाद शिष्टाचार वस कर देते है लेकिन अगर कोई बात मन मुताबिक न हो तब तो किसी प्रकार का आभार व्यक्त करना तो दूर उसे उल्टा  सीधा बोलने भी में  देर नहीं लगाते है. जबकि सत्य यह है की अच्छी बातें तो अच्छे के लिए  होती ही है किन्तु प्रत्यक्ष ख़राब लगने वाली बातें भी अच्छे के लिए ही होती है. उदाहरण के लिए माता -पिता उपहार दे तब तो धन्यवाद करना स्वाभाविक है किन्तु परीक्षा में नम्बर कम आने पर या किसी बात को छुपाने के लिए आप झूठ बोले और वोह पकड़ा जाये उसके बाद पड़ने वाली डांट-पिटाई को भी यदि हम ईश्वर के द्वारा सही राह दिखाने वाला मान कर धन्यवाद  वयक्त कर सके तो वास्तव में जीवन में अकल्पनीय परिवर्तन हो जाता है क्योकिं  विपरीत और अप्रिय परिस्थितयों में भी आभार प्रगट कर पाना आपके जीवन में चमत्कार कर देता है. इसका कारण है आभार प्रकट करना सामने वाले के द्वारा किया जाने वाले काम की आपके द्वारा स्वीकारोक्ति है और स्वीकार एक प्रकार का समर्पण है जो अहंकार को ख़त्म करता है जो कि  ज्यादातर बुराइयों का कारण होता है.
इसी प्रकार  जब हम अपने साथ किये जाने वाले  छोटे-छोटे उपकारो के लिए धन्यवाद प्रकट करते है तो सम्बन्धो में मिठास बढती है और हम अपने लिए सकरात्मक वातावरण तैयार करते है जो हमारे जीवन में एक सीढ़ी का काम करती है और ईश्वर के द्वारा की जाने वाली कृपा को आकर्षित करती है.
यदि आपके पास वह  सबकुछ नहीं है जो आपको चाहिये तो  इसलिए ईश्वर का  धन्यवाद कीजिये क्योकिं यह स्थिति आपको सदा आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देती है. सिकंदर एक बार जब युद्ध के लिए निकल रहा था अचानक उसका बेटा रोने लगा. सिकंदर ने अपने बेटे से कहा मैने तुम्हारे लिये आधी  दुनिया जीत ली है और बाकी जीतने  के लिए  मैं फिर  युद्ध करने जा रहा हूँ बेटे ने कहा की इसीलिए तो रो रहां हूँ की यदि आप सब जीत  लेंगे तो मेरे करने के लिए क्या बचेगा और मेरे बाद फिर लोग मुझे किस बात के लिए याद रखेंगे.
जो कला, जो ज्ञान आपके पास नहीं है उसका धन्यवाद कीजिये क्योकि यह आपको नया सीखने  के लिए उत्साहित करता है. जीवन में आने वाली कठनाईओं  का धन्यवाद कीजिये क्योकि यह चुनौतिया ही आपको श्रेष्ठ काम करने के लिए प्रेरित करती हैं और इनको जीत  कर आप अपनी उपयोगिता सिद्ध करते है.
अपनी कमियों का भी धन्यवाद करें यह कमिया आपके लिए  उन्नति के नए  अवसर लाती है. हर नई चुनोती आपकी ताक़त बढाती है और चरित्रवान बनती है. अपनी गलतियो का भी धन्यवाद करे क्योंकि यह आपको जीवन की पाठशाला के महत्वपूर्ण  पाठ  सिखाती है.

Thursday 13 June 2013

भारत का भूगोल – भारत की नदियाँ (सिंधु और ब्रह्मपुत्र)


brahmaputra
सिंधु (Indus)
1) भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे लम्बी नदी कौन सी है? – सिंधु
2) सिंधु नदी की कुल लम्बाई कितनी है? – लगभग 3,200 किमी (2,000 मील)
3) सिंधु नदी का उद्गम स्थल कौन सा है? – चीन के तिब्बत क्षेत्र में सेंगे और गर नदियों का संगम (कैलाश-मानसरोवर के पास स्थित)
4) सिंधु नदी भारत के किस एकमात्र राज्य से होकर गुजरती है? – जम्मू और कश्मीर
5) किस नदी को लद्दाख क्षेत्र में “लायन रिवर” के उप-नाम से भी जाना जाता है? –सिंधु
6) जम्मू और कश्मीर में सिंधु नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ कौन सी हैं? – श्योक, सिगर और गिलगित
7) सिंधु की सर्वप्रमुख सहायक नदियाँ कौन सी हैं? – झेलम, चेनाब, रावी, ब्यास और सतलुज
8) उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान-अफगानिस्तान क्षेत्र से निकलकर सिंधु में मिलने वाली प्रमुख नदियां कौन सी हैं? – गुमल, झोब, तोची और स्वात
9) सिंधु किस सागर में गिरती है? – अरब सागर में
10) अरब सागर में गिरने से पूर्व सिंधु किस प्रमुख पाकिस्तानी शहर से होकर गुजरती है? – कराची
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ब्रह्मपुत्र (Brahmaputra)
1) ब्रह्मपुत्र का उद्गम स्थल क्या है? – चीन के तिब्बत क्षेत्र में स्थित आंग्सी ग्लेशियर (कैलाश-मानसरोवर के पास स्थित)
2) ब्रह्मपुत्र की कुल लम्बाई कितनी है? – 2,900 किमी (1,800 मील)
3) ब्रह्मपुत्र को चीन में किस नाम से पुकारा जाता है? – सांग्पो (Tsangpo)
4) ब्रह्मपुत्र किस राज्य से होकर भारत में प्रविष्ट होती है? – अरुणाचल प्रदेश
5) अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र को किन प्रमुख नामों से जाना जाता है? – सियांग और दिहांग (जब ब्रह्मपुत्र पहाड़ी क्षेत्र से होकर अरुणाचल में प्रवेश करती है तो इसे सियांग कहा जाता है और अरुणाचल के मैदानी क्षेत्र में पहुंचने के बाद इसे दिहांग नाम से जाना जाता है)
6) ब्रह्मपुत्र नदी अपने पूरे मार्ग में मुख्यत: कितनी बार दिशा बदलती है? – दो बार (एक बार चीन से भारत की सीमा में प्रविष्ट होने के समय और दूसरी बार भारत से बांग्लादेश में प्रविष्ट होने के समय)
7) ब्रह्मपुत्र भारत के कितने राज्यों से होकर बहती है? – दो (अरुणाचल प्रदेश और असम)
8) ब्रह्मपुत्र की लम्बाई किस राज्य में अधिक है – अरुणाचल प्रदेश या असम? –असम
9) विश्व के कुछ सबसे बड़े नदी-द्वीपों में से एक का निर्माण असम में ब्रह्मपुत्र नदी द्वारा किया जाता है। इस प्रसिद्ध नदी-द्वीप का नाम क्या है? – माजुली (वर्तमान में माजुली का आकार कम हो रहा है और अब इसके अस्तित्व को लेकर खतरा पैदा हो गया है)
10) असम को कौन सा प्रमुख शहर ब्रह्मपुत्र के तट पर बसा हुआ है? – गुवाहाटी
11) ब्रह्मपुत्र को बांग्लादेश में किस नाम से जाना जाता है? – जमुना (भारत की यमुना नदी से अलग है)
12) ब्रह्मपुत्र की प्रमुख सहायक नदियाँ कौन सी हैं? – दिबांग और लोहित (अरुणाचल प्रदेश में), कामेंग (असम में) और गंगा (या पद्मा), तीस्ता और मेघना(बांग्लादेश में)
13) ब्रह्मपुत्र किस नदी से मिलकर सुन्दरबन के विशाल डेल्टा का निर्माण करती है? – गंगा या पद्मा
14) ब्रह्मपुत्र किस सागर में मिलकर विलुप्त होती है? – बंगाल की खाड़ी (ब्रह्मपुत्र बंगाल की खाड़ी में मिलते समय मेघना के नाम से पुकारी जाती है)
15) कौन सा देश ब्रह्मपुत्र के पानी के विशाल प्रवाह को देखते हुए इस पर बांध बनाने की योजना बना रहा है, जिससे भारत में ब्रह्मपुत्र के पानी की मात्रा में काफी कमी आने की संभावना है? – चीन

भारत की नदियाँ – गंगा


devprayag-Ganges
1) भारत की नदियों को मुख्यत: कितनी श्रेणियों में बाँटा जाता है? –दो श्रेणियाँ A) हिमालय से निकलने वाली नदियाँ और B) प्रायद्वीपीय नदियाँ
2) हिमालय से निकलने वाली सर्वप्रमुख तीन नदियाँ कौन सी हैं, जो भारत से बहती हैं? – गंगा, सिन्धु और ब्रह्मपुत्र
3) भारत की सबसे लंबी नदी कौन सी है? – गंगा – इसकी भारत में लम्बाई लगभग 2,500 किमी है (हालांकि सिन्धु (3,200 किमी) और ब्रह्मपुत्र (2,900 किमी) नदियों की लम्बाई गंगा से अधिक है लेकिन भारत में बहने वाला भाग कम होने के कारण गंगा सबसे लम्बी नदी मानी जाती है)
4) गंगा का उद्गम स्थल क्या है? – गोमुख (उत्तराखण्ड)
5) गंगा को गोमुख से निकलने के बाद किस नाम से जाना जाता है? – भागीरथी
6) भागीरथी उत्तराखण्ड के देवप्रयाग में किस नदी से मिलकर गंगा नदी का स्वरूप लेती है? – अलकनंदा (इसका अर्थ हुआ कि गंगा को गंगा नाम देवप्रयाग से मिलता है, जहाँ गंगा के प्रारंभिक स्वरूप भागीरथी का अलकनंदा से संगम होता है)
7) गंगा की प्रमुख सहायक नदियां कौन सी हैं? – यमुना, घाघरा, गण्डक, कोसी, सोन और दामोदर
8) गंगा की वे कौन सी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं जो दक्षिण से उत्तर दिशा में बहते हुए गंगा में मिलती हैं? – सोन और दामोदर
9) गंगा की सर्वप्रमुख सहायक नदी किसे माना जाता है? – यमुना (जो उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद में गंगा से मिलकर संगम का निर्माण करती है)
10) पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कौन सी नदी अदृश्य रूप में गंगा और यमुना से इलाहाबाद से मिलती है? – सरस्वती (माना गया है कि सरस्वती 2,000 वर्ष से भी अधिक समय पूर्व मार्ग बदल जाने के कारण भारत के रेगिस्तानों में विलुप्त हो गई थी। कुछ विशेषज्ञ हरियाणा की घग्गर नदी को ही विलुप्त सरस्वती मानते हैं)
11) यमुना का उद्गम स्थल क्या है? – चीन के तिब्बत क्षेत्र की मानसरोवर झील (हालांकि भारतीय श्रद्धालु उत्तराखण्ड के यमुनोत्री ग्लेशियर को यमुना का उद्गम मानते हैं)
12) यमुना की प्रमुख सहायक नदियाँ कौन सी हैं? – चम्बल, केन और बेतवा
13) यमुना की सहायक नदियों की एक विशेषता क्या है? – यह नदियाँ दक्षिण से उत्तर दिशा में बहते हुए यमुना से मिलती हैं
14) भारत के अलावा गंगा और किस देश में भी बहती है? –बांग्लादेश में
15) बांग्लादेश में गंगा को इसके किस स्थानीय नाम से जाना जाता है? – पद्मा
16) बंगाल की खाड़ी में मिलने से पूर्व गंगा किस नदी से बांग्लादेश में मिलकर एक विशाल डेल्टा का निर्माण करती है? – ब्रह्मपुत्र
17) गंगा और ब्रह्मपुत्र द्वारा किस विशाल डेल्टा का निर्माण किया जाता है? – सुंदरबन डेल्टा (Sundarbans)
18) सुंदरबन डेल्टा की प्रमुख विशेषता क्या है? – यह विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा है, जो 4,000 वर्ग किमी से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है (इस डेल्टा का लगभग 80% हिस्सा बांग्लादेश में आता है जबकि शेष 20% भारत में आता है)
19) इस डेल्टा का नाम सुंदरबन कैसे पड़ा? – यहाँ पाए जाने वाले सुंदरी वृक्ष के कारण
20) गंगा नदी के तट पर बसे प्रमुख भारतीय नगर कौन से हैं? –ऋषिकेश, हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबाद, पटना और कोलकाता

भारत का भूगोल – भारत के द्वीप (Islands of India)


Islands of India HINDI
1) भारत में कुल द्वीप (islands) कितने हैं? – कुल द्वीप एक हजार से अधिक हैं लेकिन भारत में दो प्रमुख द्वीपसमूह  हैं A) अण्डमान व निकोबार तथा B) लक्षद्वीप
2) भारत का सबसे बड़ा द्वीपसमूह (archipelago) कौन सा है? –अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह
3) अण्डमान व निकोबार की अवस्थिति क्या है? – यह बंगाल की खाड़ी में उस स्थान पर स्थित हैं जहाँ बंगाल की खाड़ी एक अन्य छोटे समुद्री क्षेत्र अण्डमान सागर से मिलती है
4) अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह में कुल द्वीप कितने हैं? – 572 (हालांकि इनमें से मात्र 34 को मानव द्वारा स्थाई निवास के लिए प्रयुक्त किया जाता है)
5) अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह के तहत आने वाले दो मुख्य समूह कौन से हैं? –  A) अण्डमान समूह के द्वीप तथा B) निकोबार समूह के द्वीप
6) अण्डमान समूह के द्वीपों व निकोबार समूह के द्वीपों को पृथक करने वाले चैनल का क्या नाम है? – टेन डिग्री चैनल (Ten Degree Channel)
7) अण्डमान व निकोबार की राजधानी क्या है? – पोर्ट ब्लेयर (Port Blair)
8) अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह का सबसे उत्तर स्थित द्वीप कौन सा है? – प्रेपेरिस द्वीप (Preparis Island)
9) अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह का सबसे दक्षिणवर्ती द्वीप कौन सा है? – बड़ा निकोबार द्वीप (Great Nicobar)
10) भारत के सबसे दक्षिणवर्ती बिन्दु का क्या नाम है? – इंदिरा प्वाइंट (अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह)
11) भारत का सबसे दक्षिणी बिन्दु इंदिरा प्वाइंट अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह के किस द्वीप में स्थित है? – बड़ा निकोबार द्वीप(इंदिरा प्वाइंट इस द्वीप के बिल्कुल दक्षिणी छोर पर स्थित है)
12) भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी कौन सा है? – बैरन द्वीप – Barren Island (जोकि अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है)
13) किस द्वीप को निकोबार द्वीपों की राजधानी के रूप में जाना जाता है? – कार निकोबार (Car Nicobar)
14) अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह से सबसे पास स्थित देश कौन सा है? – इण्डोनेशिया (इण्डोनेशिया के सुमात्रा द्वीप का उत्तरी स्थान आसेह (Aceh) अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह से मात्र 150 किमी की दूरी पर है)
15) अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह में एक विशाल सुनामी किस तारीख को आई थी जिसके चलते यहाँ दो हजार से अधिक लोग मारे गए थे तथा द्वीपों को भारी तबाही हुई थी? – 26 दिसम्बर 2004 को
16) अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह समुद्री रास्ते से पहुँचने के लिए किन तीन प्रमुख स्थानों से जहाज की सेवाएं उपलब्ध हैं? –कोलकाता, विशाखापट्टनम और चेन्नई
17) लक्षद्वीप द्वीपसमूह के अंतर्गत कुल कितने द्वीप हैं? – 39 (हालांकि इनमें से मात्र 11 पर मानवीय आवास है)
18) लक्षद्वीप द्वीपसमूह सबसे पास स्थित भारतीय राज्य कौन सा है? – केरल
19) लक्षद्वीप द्वीपसमूह किस स्थान पर स्थित हैं? – अरब सागर में(केरल के तट से लगभग 400 किमी की दूरी पर)
20) लक्षद्वीप की राजधानी क्या है? – कावारत्ती (Kavaratti)
21) लक्षद्वीप द्वीपसमूह का सबसे दक्षिणवर्ती द्वीप कौन सा है?  –मिनिकाय द्वीप (Minicoy Island)

भारत का भूगोल – भारत के पठार (Plateaus of India)


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1) पठार (Plateau) का अर्थ क्या होता है? – पठार वे ऊँची स्थलाकृतियाँ होती हैं, जो पर्वतों की तरह से ऊँची तो होती हैं पर जिन का शीर्ष समतल होता है। पठारों के शीर्ष पर्वतों की तरह चोंचदार न होकर समतल या ऊबड़-खाबड़ होते हैं
2) भारत के तीन सर्वप्रमुख पठार कौन से है? –
  • A) मालवा का पठार (पश्चिम भारत में स्थित)  
  • B) दक्कन का पठार (भारत के अधिकांश दक्षिणी प्रायद्वीप में स्थित)  
  • C) छोटा नागपुर का पठार
3) मालवा के पठार की अवस्थिति क्या है? – यह पठार मुख्यत: भारत के तीन राज्यों – राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में फैला है
4) भारत की कौन सी प्रमुख नदी मालवा के पठार और दक्कन के पठार के बीच में बहती है? – नर्मदा
5) कौन सी प्रमुख पर्वत श्रॄंखला मालवा के पठार के लगभग उत्तर-पश्चिम में स्थित है? – अरावली पर्वतमाला
6) कौन सा पठार मालवा के पठार के पूर्व में स्थित है? – छोटा नागपुर का पठार (छोटा नागपुर का पठार भारत के चार राज्यों में फैला हुआ है, जो हैं – झारखण्ड, छत्तीसगढ़, ओडीशा (उड़ीसा) और पश्चिम बंगाल)
7) भारत का कौन सा पठार खनिज पदार्थों और अयस्कों के लिए प्रसिद्ध है? – छोटा नागपुर का पठार
8) भारत का सबसे विस्तृत (बड़ा) पठार कौन सा है? – दक्कन का पठार – Deccan Plateau (जो भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप के अधिकांश हिस्से में फैला हुआ है)
9) दक्कन के पठार का विशेषीकृत आकार कैसा है? – त्रिकोणाकार
10) भारत की सबसी पुराने आग्नेय (Igneous) श्रेणी की शिलाएं और पत्थर कहाँ पाईं जाती हैं? – दक्कन के पठार में स्थित आग्नेय शैलों से बने पठारी क्षेत्र में जिसे दक्कन ट्रेप (Deccan Trap) कहा जाता है